आंवला के बाग़ से हो सकती है दो फसलों से भी ज्यादा कमाई, जाने पूरी जानकारी

क्या आप ने कभी सुना है के एक आंवले की खेती से एक किसान दो फसलों से भी ज्यादा कमाई कर सकता है? अगर आपको यह बात मजाक लग रही है तो आप बहुत बड़ी गलती कर रहे है । जहाँ पर पानी कम है और जमीन भी बढ़िया नहीं है वहां के किसान आंवले की खेती बहुत अच्छी कमाई कर सकते है ।

उत्तर परदेश ,हरियाणा और पंजाब के सभी हिस्सों में आंवले की खेती की जा सकती है। आंवले का पौधा बड़े होने पर एक क्विंटल से अधिक का उत्पादन देता है , अगर आप आंवले को 5 रुपये के हिसाब से भी बेच दे तो भी आपको एक पेड़ से 500 रुपये की आमदन होगी । आंवले की फसल की सबसे बड़ी बात यह है की बाकि बागों की तरह इसकी ज्यादा देखभाल की जरूरत नहीं होती

आंवला की किस्मे

आंवला की खेती के लिए किसान नीलम और कंचन किस्मों का इस्तेमाल कर सकते है इसके इलवा आप बलवंत किस्म का भी इस्तमाल कर सकते है यह एक अगेती किस्म है और यह नवंबर के बीच तक त्यार हो जाती है। इन किस्मों का उत्पादन 121 किल्लो प्रति पौधा है । एक और किसम भी है इस किस्म का नाम कंचन है और यह पछेती किस्म दिसंबर के बीच तक पकती है। इसका झाड़ करीब 111 किलो प्रति पेड़ होता है।

बाग़ लगाने का तरीका

आंवला का बाग़ लगाने के लिए हर पौदे की बीच की दुरी 7.5 मीटर होनी चाहिए इस तरह से आप 1 एकड़ में लगाएं 72 पौधे लगा सकते है । आंवले का बाग लगाने का समय फरवरी-मार्च या अगस्त-सितंबर के बीच होता है।

बाग़ लगाने के बाद गर्मियों में छोटे पौधों को 10-15 दिन के अंतराल में पानी देना चाहिए , जबकि जब पौधे को फूल पड़ने लगें तो उस समय पानी देने से परहेज करें। छोटे पौधों को 15-20 किलो और विकसित पौधों को 30-40 किलो गोबर की खाद जरूर डालें। एक साल के पौधे को 110 ग्राम यूरिया डालने की सिफारिश है।