जानें कैसे इस किसान ने सिर्फ 6 साल में ढाई एकड़ से कमा लिए 75 लाख रुपये

गेहूं व धान की परंपरागत खेती को छोड़कर एक हजार नींबू के पौधे लगाए तो गांव नाढ़ोड़ी के किसान हरि सिंह 6 साल में 75 लाख रुपए की पैदावार लेकर आर्थिक रूप से साधन संपन्न हो गए।

जिसको लेकर किसान को उद्यान विभाग हरियाणा व जिला स्तर पर दो बार प्रगतिशील किसान के रूप में सम्मानित भी किया जा चुका है। नींबू की फसल बे मौसमी है जिसके कारण किसान को फसल भाव अधिक प्राप्त होने के कारण लाभ मिल रहा है।

सितंबर से लेकर फरवरी तक होती है नींबू की पैदा गांव नाढोड़ी व घौलू के बीच ढाणी में रहने वाले किसान हरि सिंह गोदारा ने बताया कि वह वर्ष 2009 में पंजाब के अबोहर के गांव छपावाली की एक नर्सरी से कुंभकाठ किस्म के एक हजार कलमी पौधे लाकर ढाई एकड़ में लगाए थे। जिसकी प्रति पौधे की कीमत 50 रुपए थी। कुंभकाठ किस्म के पौधों पर नींबू की पैदावार सितंबर से शुरू होकर फरवरी तक चलती है।

जो बे मौसमी होने के कारण बाजार में इसकी कीमत भी अच्छी मिल जाती है। मगर इसका मूल्य निर्धारित नहीं है। सब्जी मंडी में चार सौ से लेकर आठ सौ रुपए प्रति क्विंटल तक भी मूल्य मिल जाता है तथा स्थानीय मंडी में ही इसकी बिक्री हो रही है।

यह है पैदावार का सिलसिला किसान हरि सिंह गोदारा ने बताया कि ढाई एकड़ में एक हजार पौधों से वर्ष 2010 में ढाई लाख रुपए के नींबू की पहली फसल की बिक्री हुई थी।

जबकि वर्ष 2011 में तीन लाख 75 हजार, वर्ष2012 में 4 लाख, वर्ष 2013 में पांच लाख 20 हजार, वर्ष 2014 में आठ लाख 90 हजार, वर्ष 2015 में 11 लाख, वर्ष 2016 में 14 लाख 30 हजार, वर्ष 2017 में 15 लाख, वर्ष 2018 में 15 लाख 70 हजार, व वर्ष 2019 मे नींबू की बिक्री शुरू हो चुकी है।