गेहूं की ये नई किस्म सिर्फ 2 पानी में देती है 30 क्विंटल/एकड का उत्पादन

भारत सरकार द्वारा रबी सीजन की मुख्य फसल गेहूं की कुदरत-9 किस्म के बीज को रजिस्टर्ड कर दिया गया है। इस किसम की सबसे बड़ी खासियत है कि इस के पौध की लंबाई 85 सेमी होती है। ये कुल 120 दिन में तैयार हो जाती है। बाकी किस्मों की तुलना में इसका पौधा छोटा होता है और ये तेज हवाओं में भी नहीं गिरेगा। इस किसम जो किसान प्रकाश सिंह रघुवंशी वाराणसी (कुदरत कृषि शोध संस्थान) द्वारा ईजाद किया गया है।

इस किसम को भारत सरकार द्वारा रघुवंशी नाम दिया गया है। इसका पौधा बौनी किस्म का है इसीलिए इस पे हवा या ओलावृष्टि का बिलकुल असर नहीं होगा। इसके बाल की लंबाई 9 से 10 इंच होगी। इसको 25 अक्टूबर से 25 दिसंबर के बीच में बोया जा सकता है। इसकी बुआई में प्रति एकड़ 40 किलोग्राम बीज लगेगा और यह फसल 2-3 पानी में पक जाएगी।

इसका ट्रायल जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय जबलपुर में हुआ था, जिसका परिणाम काफी अच्छा रहा और सकारात्मक परिणाम होने के कारण इसे रजिस्टर्ड किया गया है। ट्रायल के बाद कुदरत-9 किस्म की उपज करीब 30 क्विंटल प्रति एकड़ निकली है। जिसका किसानों को काफी फायदा हो सकता है।

सभी प्रकार की जमीन और मिट्‌टी में कुदरत-9 किसम की बुवाई की जा सकती है लेकिन दोमट से भारी दोमट मिट्‌टी में गेहूं की खेती बेहतर होती है। मटियार दोमट तथा काली मिट्टी में भी इसकी अच्छी फसल होती है लेकिन उसके लिए जल निकास की सुविधा होनी जरूरी है। अच्छे अंकुरण के लिए एक बेहतर भुरभुरी मिट्टी का होना जरूरी है।

खरीफ की फसल काटने के बाद खेत की पहली जुताई मिट्टी पलटने वाले हल (एमबी प्लाऊ) से करें। इस जुताई से खरीफ की फसल के अवशेष और खरपतवार मिट्टी मे दबकर सड़ जाए। इसके बाद 2-3 बार देसी हल-बखर या कल्टीवेटर से जुताई करें। हर जुताई के बाद पाटा देकर खेत समतल करें।