महिंद्रा के सभी नए ट्रैक्टरों को ऐसे किया जाता है टेस्ट

किसान भाइयों आज हम आपको बताएंगे कि महिंद्रा के ट्रैक्टर को बनाने के बाद कैसे टेस्ट किया जाता है। आपको बता दें कि महिंद्रा के ज़हीराबाद मैन्युफैक्चरिंग प्लांट में सिर्फ 2 मिनट में एक ट्रैक्टर तैयार कर दिया जाता है। और इसे टेस्ट करने के लिए समय काफी कम होता है। लेकिन इतने कम समय में भी ट्रैक्टर की एक एक चीज को अच्छे से टेस्ट किया जाता है।

ट्रैक्टर को तैयार करने के बाद सबसे पहले उसके टायर्स की दिशा यानि कि व्हील एलाइनमेंट टेस्ट की जाती है। यानि कि इसके टायर्स को पूरी तरह चेक किया जाता है कि चारो टायर एक ही दिशा में हैं, अगर न हों तो इन्हे इंजिनीर्स द्वारा सेट किया जाता है।

टायर्स की दिशा चेक करने के बाद ट्रैक्टर का लिफ्ट चेक टेस्ट किया जाता है। हर एक टेस्ट के लिए एक इंजीनीर को 144 सेकंड्स दिए जाते हैं। लिफ्ट टेस्ट में पास होने के बाद ट्रैक्टर को रोड टेस्ट के लिए ले जाया जाता है। आपको बता दें कि महिंद्रा के प्लांट के अंदर ही रोड टेस्ट के लिए एक विशेष जगह बनाई गयी है।

एक इंजीनीर ट्रैक्टर को फॉरवर्ड और रिवर्स दोनों तरफ हर तरीके से चलाकर देखता है। यानि कि हर गेयर और तेज और धीमी स्पीड में ट्रैक्टर के काफी चक्कर लगाए जाते हैं और ऐसा करने पर इंजन की आवाज़ और हीटिंग को चेक किया जाता है। इन सभी टेस्ट में पास होने के बाद ट्रैक्टर को बिक्री के लिए शोरूम में भेज दिया जाता है। पूरी जानकारी के लिए निचे दी गयी वीडियो देखें…..

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