देश के किसानों की माली हालत कुछ ज्यादा ठीक न होने के कारण समय समय पर केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा कई योजनाएं चलाई जाती हैं। इसी तरीके से एक बाद फिर किसानों की आमदन को बढ़ाने के लिए केंद्र की सरकार द्वारा देश में बिजली की समस्या से जूझ रहे इलाकों को ध्यान में रखते हुए किसान उर्जा सुरक्षा और उत्थान महाअभियान (कुसुम) योजना की शुरुआत की गई है।
इस योजना का मुख्य उद्देश्य पुरे देश में सिंचाई के लिए इस्तेमाल होने वाले सभी डीजल या बिजली के पम्पों को को सोलर ऊर्जा से चलाना है। आपको बता दें कि पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आम बजट 2018-19 में कुसुम योजना का एलान किया था। खबर है कि कुसुम योजना के पहले चरण में सिर्फ डीज़ल से चल रहे सिंचाई पंप को शामिल किया जाएगा। यानि ऐसे करीब 17.5 लाख सिंचाई पंप को सोलर ऊर्जा पर चलाया जायेगा।
ऐसा करने से डीजल की खपत कम होगी और कच्चे तेल के आयात पर रोक लगने के साथ किसानों का खर्च बहुत कम होगा। किसानों को केंद्र सरकार की कुसुम योजना या फायदा दो तरीकों से होगा। पहला फायदा तो ये है कि सिंचाई के लिए किसानों को बिजली मुफ्त में मिलेगी, दूसरा फायदा ये है कि किसान अतिरिक्त बिजली उत्पादन कर ग्रिड को बचकर कमाई भी कर सकेंगे।
खास बात ये है कि किसान सिर्फ 10 प्रतिशत राशि का भुगतान करने पर सोलर पंप लगवा सकेंगे। सबसे बड़ी बात कि बाकि बची रकम केंद्र सरकार द्वारा किसानों के बैंक खातों में सब्सिडी के तौर पर दी जाएगी। साथ ही किसानों को इस योजना के तहत बैंक से लोन के रूप में 30% रकम मिलेगी और सरकार किसानों को सोलर पंप की कुल लागत का 60% सब्सिडी के रूप में देगी।
कुसुम योजना के पहले चरण में केंद्र सरकार पुरे देश में 27.5 लाख सोलर पंप सेट बिलकुल मुफ्त दे रही है। आपको बता दें कि कुसुम योजना पिछले साल यानि जुलाई 2019 से शुरू हो चुकी है। इस योजना का लागू करने के सरकार का एक ही मकसद है कि अगर देश के सभी सिंचाई पंप सोलर पावर्ड होंगे तो एक तो बिजली की बचत होगी लेकिन साथ ही करीब 28 हजार मेगावाट अतिरिक्त बिजली का उत्पादन भी संभव होगा। इस योजना की पूरी जानकारी के लिए आप https://mnre.gov.in/# पर जा सकते हैं।