अक्सर पशुपालक किसान भाइयों को ये समस्या आती है कि ज्यादा पशु रखने पर उनका खर्चा बढ़ जाता है लेकिन कमाई ज्यादा नहीं हो पाती। लेकिन आज हम आपको एक ऐसे युवा पशुपालक किसान के बारे में जानकारी देने जा रहे हैं जो रोज़ाना करीब 1600 लीटर दूध बेचकर 60 हज़ार रुपए प्रतिदिन कमा रहा है। पंजाब के फतेहगढ़ साहिब में स्थित थाबल गांव का एक युवा किसान हरप्रीत सिंह डेयरी फार्मिंग में एक सफल किसान है।
हर रोज़ करीब 1600 लीटर दूध 37 रुपए प्रति लीटर के दाम पर मिल्क फेड मोहाली को बेच रहा है और बहुत अच्छी कमाई कर रहा है। बता दें कि हरप्रीत सिंह की एक गाय ने प्रोगेसिव डेयरी फार्मर एसोसिएशन के पशु मेले में 43 लीटर दूध देकर पहला स्थान भी हासिल किया है। खास बात ये है खुद प्रति महीना लाखों कमाने के साथ साथ हरप्रीत सिंह और भी बहुत से लोगों को रोजगार दे रहा है।
हरप्रीत सिंह का कहना है कि उसके पिता दूध का काम करते थे और उसी कारोबार को संभालर वो भी आगे बढ़ रहा है। उनके परिवार ने 2002 में 20 गायों के साथ डेयरी फार्मिंग शुरू की थी। बाद में हरप्रीत ने 2009 में डेयरी फार्मिंग की ट्रेनिंग ली और बैंक से कर्ज लेकर माडल कैटल शैड बनाया। इस क़र्ज़ पर उसे सरकार की ओर से 1.50 लाख सब्सिडी भी मिली थी। साथ ही हरप्रीत गायों का दूध दोहने वाली मशीनों की खरीद पर भी करीब 20 हजार की सब्सिडी हासिल कर चुका है।
उसके बाद धीरे-धीरे हरप्रीत ने अपने फार्म पर पशुओं की संख्या बढ़ानी शुरू की और आज उसके फार्म पे करीब 150 छोटी-बड़ी गाय हैं। उनके पास ज्यादा गाय HF नसल की है जो ज्यादा दूध देती हैं। हरप्रीत का मानना है कि अब किसानों का सिर्फ खेती के दम पर आगे बढ़ने का दौर खत्म हो रहा है। इसी लिए छोटे किसानों को खेती के साथ एक सहायक धंधा जरूर करना चाहिए।
ऐसे घटा रहे हैं खर्च
इस युवा प्रगतिशील किसान ने बताया कि वह अपने पशुओं के हरे चारे के साथ-साथ उनकी फीड भी खुद तैयार करता है। इस फीड को डेयरी विकास तथा गुरु अंगद देव वेटरनरी एंड एनिमल साइंस यूनिवर्सिटी लुधियाना के फार्मूला के अनुसार तैयार किया जाता है, ताकि उसमें पौष्टिक तत्व ज्यादा रहें। उनके फार्म पर पशुओं के लिए हरे चारे का आचार भी हर समय मौजूद रहता है।
हमेशा पशु बिमारियों से बचे रहें, इसके लिए हरप्रीत समय-समय पर उनकी जांच करवाता है और पशुओं को सर्दी-गर्मी से बचाने के लिए भी बहुत बढ़िया प्रबंध हैं। उनके फार्म पर हमेशा अच्छी नस्ल के बैलों के सीमन का इस्तेमाल किया जाता है।
हरप्रीत सिंह और उसके पिता अवतार सिंह का मानना है कि अगर किसान पूरी मेहनत और लग्न से डेयरी फार्मिंग करें तो इस काम में धान-गेहूं की फसलों से काफी ज्यादा कमाई की जा सकती है। क्योंकि दूध पूरा साल डिमांड में रहता है। ऐसे व्यवसाय में युवा किसानों को जरूर आगे आना चाहिए।