अब धान समेत बाकी फसलें बेचने के लिए यहां करवाना पड़ेगा रजिस्टर

एक अक्टूबर से लगभग सभी राज्यों में खरीफ फसलों की खरीद शुरू होने जा रही है। हरियाणा में भी उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला अधिकारियों को एक अक्तूबर, 2020 से होने वाली खरीफ फसलों की खरीद की पूरी तैयारी करने के निर्देश दिए गए हैं। ताकि किसानों को कोई दिक्कत ना आए। साथ ही चौटाला ने ये भी निर्देश दिए हैं कि सार्वजनिक खाद्य वितरण प्रणाली (PDS) के लिए धान की खरीद 1 अक्टूबर की बजाए 25 सितंबर से शुरू करने के लिए केंद्र सरकार को पत्र लिखकर अनुमति ली जाए।

अधिकारियों का कहना है कि इस बार धान की खरीद के लिए 200 अतिरिक्त केंद्र बनाए जाएंगे जिसके बाद कुल 400 केंद्र हो जाएंगे। इन केन्दों को उन 8 जिलों में बनाया जाएगा जहाँ पर धान की पैदावार सबसे ज्यादा होती है। धान खरीद के बाद पैकेजिंग के लिए बैग, तुलाई मशीन आदि की तैयारियों के बारे में भी जानकारी दी गई। साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि इस बार बाजरे की खरीद के लिए भी खरीद केंद्रों की संख्या को दोगुना तक बढ़ा कर कुल 120 कर दिया जाएगा। इसी प्रकार मूंग के लिए भी 15 से बढ़ाकर 30 खरीद केंद्र बनाए जाएंगे।

आपको बता दें कि अब किसानों को अपनी फसल बेचने के लिए पहले ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करना होगा। हरियाणा सरकार ने किसानों को जानकारी दी है कि वो ‘मेरी फसल मेरा ब्यौरा’ पोर्टल पर अपनी फसल का ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं। किसानों को बाजरा के लिए 10 सितंबर और धान, मूंग, मक्का आदि फसलों के लिए 15 सितंबर 2020 तक रजिस्ट्रेशन करवाना होगा।

ऐसा करने के पीछे एक बड़ा कारण ये है कि इससे बाकी राज्यों से लाई गई फसल या भण्डारित फसल की काला बाजारी पर रोक लगाई जा सकेगी। उपमुख्यमंत्री ने अधिकारियों को ये भी निर्देश दिए है कि वो अनाज मंडियों के मैकेनिज्म को अप-टू-डेट रखें। जब तक किसान अपनी फसल को मंडी में लेकर आएं उससे पहले सभी शैड ठीक होने चाहिए, सड़कों की मरम्मत कर दी जानी चाहिए ताकि किसानों की फसल खराब न हो। फसलों का एक-एक दाना खरीदने का भरोसा दिया गया है।

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