बहुत से किसान बासमती धान की खेती बहुत पहले शुरू कर देते हैं जिसके चलते ये फसल बहुत पहले तैयार हो जाती है और किसान इसे बेचने के लिए मंडियों में भी ला रहे हैं। किसानों को हर बार उम्मीद होती है उन्हें धान का बढ़िया भाव मिल सके। लेकिन इस बार शुरुआत में ही किसानों के हाथ निराशा लगी है। आपको बता दें कि धान की 1509 किस्म से हुई सीजन की शुरुआत से किसान बहुत निराश है।
किसान को का कहना है कि इस बार उन्हें बासमती 1509 वैरायटी का भाव सिर्फ 1700 से 2 हजार रुपये प्रति क्विंटल मिल रहा है। जो कि पिछले साल के भाव से 500 रुपये कम है। किसानों ने बताया कि लॉकडाउन के कारण इस बार धान की पैदावार में उनकी लागत काफी ज्यादा बढ़ी है। आपको बता दें कि ये भाव हरियाणा की घरौंडा मंडी में मिल रहा है और मार्केट कमेटी के आंकड़ों के अनुसार अब तक इस मंडी में साढ़े चार हजार क्विंटल धान की आवक हो चुकी है।
1509 धान की फसल को मंडी में लेकर आए किसानों का कहना है कि महामारी के चलते लगाए गए लॉकडाउन का धान की खेती पर काफी ज्यादा असर हुआ है। लेबर की कमी के कारण धान की रोपाई के लिए उन्हें दो गुना तक दाम देने पड़े। पिछले सीज़न में किसानों को धान रोपाई के लिए 2000 रुपए प्रति एकड़ खर्च होता था। वहीँ इस बार किसानों को चार हजार रूपये प्रति एकड़ देकर रोपाई करवानी पड़ी।
इसी तरह पहले ही तुलना में दवाइयों के दाम भी काफी बढ़े हैं। किसानों ने कहा कि मंडी में मिल रहे फसल दामों ने उन्हे बहुत ज्यादा निराश किया है। पिछले सीजन उन्हें 1509 का भाव 2500 से 2700 रुपये प्रति क्विटल मिला था। लेकिन इस बार दाम 2000 से ज्यादा नहीं हैं और खरीददारों की भी कमी है। 15 सितंबर से PR किस्म मंडी पहुंचनी शुरू होगी जिससे आवक में तेजी आएगी।