सरसों के भर ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं और गुरुवार को सरसों के भावे 5500 रुपए प्रति क्विंटल तक पहुंच गए। आपको बता दें कि ये अब तक का सबसे महंगा भाव है। इससे पहले 21 अक्टूबर, 2015 को सरसों 5300 रुपए क्विंटल बिकी थी। हलाकि इतनी तेज़ी के बाद भी मंडियों में सरसों की आवक काफी कम है।
इसका एक बड़ा कारण ये है कि किसान माल को रोक कर बैठ गए हैं और इससे भी ज्यादा तेजी का इंतजार कर रहे हैं। लेकिन त्योहारी सीज़न होने के कारण सरसों की डिमांड बहुत ज्यादा है। इधर, नेफेड ने फिलहाल सरसों की नीलामी पर रोक लगा रखी है। इसी कारण मार्किट में माल की डिमांड बनी हुई है। माहिरों का कहना है कि आने वाले दिनों में सरसों के भाव अभी और तेज होंगे।
राजस्थान की भरतपुर मंडी के आढ़तिया भूपेंद्र गोयल का कहना है कि गुरुवार सुबह मंडी में 5455 रुपए क्विंटल की बोली लगी थी। लेकिन डिमांड ज्यादा होने के कारण शाम को रखे हुए माल का भाव 5500 रुपए प्रति क्विंटल तक भी चला गया। अगले हफ्ते तक सरसों के भाव 200 रुपए और बढ़ सकते हैं।
सरसों के भाव में इतनी ज्यादा तेज़ी का असर आजम लोगों की जेब पर भी काफी ज्यादा पड़ेगा। क्योकि अभी से ही सरसों में तेजी के कारण तेल और खल के भावों में भी तेजी आ गयी है। तेल 125 रुपए प्रति किलो तक पहुंच गया है। पूर्वी राजस्थान सहित कोटा-बारां तक सरसों की बैल्ट है। आने वाले दिनों में अगर सरसों के भाव और भी बढ़ते हैं तो तेल और खल और ज्यादा महंगे होंगे।