ऐसे शुरू करें मच्छी पालन का काम, होगी अच्छी कमाई

कृषि के साथ-साथ मछली पालन मुनाफे का सहायक धंधा है। एक एकड़ मछली फार्म से किसान को आजीविका के लिए अच्छी आय हो सकती है। जिले के गांव बागड़ियां स्थित सरकारी मछली सीड फार्म इस धंधे के इच्छुक किसानों की लगातार मदद कर रहा है। मछली पालक विकास एजेंसी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी कर्मजीत सिंह ने बताया कि जिले में लगभग 1300 एकड़ में मछली पालन हो रहा है।

मछली की पूंग विकसित करने के लिए 32 एकड़ में बना नेशनल फिश सीड फार्म उच्च क्वालिटी की पूंग किसानों को दे रहा है। इसके साथ ही ट्रेनिंग भी दी जा रही है। फार्म प्रति वर्ष एक करोड़ पूंग तैयार करता है। हर वर्ष अप्रैल से अगस्त तक मछली पालकों को विभिन्न प्रकार की एक हजार पूंग मात्र 100 रुपए में दी जा रही है।

गांव वागड़ियां में बने फिश सीड फार्म में मछली पालकों को फीड, तालाब की मिट्टी व पानी तथा मछली की बीमारियों की जांच कराने की भी सुविधा है। बीमारियों के इलाज में मदद करने के लिए माहिर भी यहां मौजूद हैं। मछली पालन करने के इच्छुक युवाओं और किसानों को 5 दिन की निशुल्क ट्रेनिंग देने के साथ विभिन्न स्कीमों के तहत लोन और सब्सिडी भी दिलाई जा रही है। फिश फार्मिंग शुरू करने के लिए जानकारी लेने हेतु विभाग के फतेहगढ़ साहिब के जिला प्रबंधकीय कांप्लेक्स स्थित आफिस या

अपनी जमीन नहीं तो छप्पड़ों में भी पाली जा सकती हैं मछलियां

अपनी जमीन नहीं होने की सूरत में गांवों के साफ छप्पड़ों को ठेके पर लेकर भी मछली पालन किया जा सकता है। जिन किसानों के पास जमीन कम है, वह संबंधित ब्लाक विकास एवं पंचायत अधिकारी से संपर्क कर मछली पालन के लिए एक एकड़ का तालाब मनरेगा स्कीम के तहत निशुल्क बनवा सकते हैं।

इसके लिए ग्राम रोजगार सहायक के पास आवेदन किया जा सकता है। मछली की सेल में कोई दिक्कत नहीं होती और यह 6 माह में बेचने योग्य हो जाती है। खरीदार खुद छप्पड़ या तालाब से इसे निकालते हैं या फिर खुद निकालकर मंडी में बेची जा सकती है।