आर्गेनिक खेती ने बदली किस्मत, सिर्फ 2 एकड़ से कमाए 5 लाख

जैविक खेती की तरफ मुड़ना उन किसानों के लिए आसान नहीं होता जो रिवायती ढंग से खेती करते हैं लेकिन बलविंदर सिंह ने इस रूकावट को पार किया। 1983 तक वह भी धान-गेहूं की खेती करते थे, परंतु कपास में अमेरिकन सुंडी के हमले के बाद उन्होंने 2011 में जैविक खेती शुरू की। इसके लिए उन्हें मनमोहन सिंह के जैविक सब्जी फार्म के दौरे के बाद प्रेरणा मिली। जैविक फार्म पर जाने के बाद उन्होंने मनमोहन सिंह से जैविक खेती की जानकारी लेकर ज्ञान बढ़ाया।

गुजरात तक यात्रा की

कपास के अच्छे बीज की तलाश में उन्होंने गुजरात तक यात्रा की। वहां बिना बीज वाले खीरे, स्ट्राबेरी व तरबूज की खेती के बारे में सीखा। वह लगातार 3 साल से कीटनाशकों की मात्रा घटा रहे हैं। आर्गेनिग तरीके से 2 एकड़ में मिर्च उगा 5 लाख रुपए लाभ कमाया।

मिर्च पाउडर लाल नहीं होता

मिर्च पाउडर बनाना शुरू किया तो लोगों ने कहा इसका रंग लाल नहीं होता। फिर उन्हें समझाया कि यह कभी लाल नहीं होता। मार्केट में मिलने वाले मिर्च पाउडर में रंग मिले होते हैं। 2013 में खीरे, टमाटर, कद्दू व शिमला मिर्च जैसी सब्जियों की खेती शुरू की।

घर पर बना रहे देसी खाद

वर्तमान में बलविंदर उत्पादन बढ़ाने को आधुनिक खेतीबाड़ी औजार बैड प्लांटर, रोटावेटर, कल्टीवेटर, तुपका सिंचाई, मलचिंग, घर में तैयार की खाद व खट्टी लस्सी की स्प्रे का यूज कर रहे हैं। चार साल से वह 2 एकड़ जमीन पर जैविक खेती कर रहे हैं।

आढ़तियों पर निर्भर न रहें

बलविंदर के फार्म का डीसी तक दौरा कर चुके हैं। उनके अनुसार किसानों को लाभ के लिए उत्पादन बेचने के लिए हाथों में तराजू लेनी पड़ेगी, क्योंकि अगर वह अपनी फसल बेचने के लिए आढ़तियों पर निर्भर रहेंगे तो वह उन्नति नहीं कर सकेंगे व बार-बार धोखा खाएंगे।