अब भारत की देसी गाय भी देगी 80 लीटर दूध,जाने कैसे

भारत सरकार अब ज्यादा दूध के उत्पादन के लिए गायों की देसी नस्लों पर ध्यान दे रही है। भारत के किसान कम दूध देने के कारण देसी नस्ल की गायों में कम रूचि ले रहे है जिसके कारण गायों की संख्या लगातार कम होते जा रही है। इसे में सरकार ने देसी नस्ल की गायों को बढ़ावा देने के लिए गायों के कृत्रिम गर्भाधान के लिए ब्राजील के गिर बैल के वीर्य की 1 लाख डोज आयात करने के लिए ब्राजील के साथ समझौता किया है।

ब्राजील में मिलने वाली गिर नस्ल भारत से ही आयात की गई थी भारत के एक महाराजा द्वारा ब्राजील को उपहार में दिया गया था और ब्राजील ने गिर गायों की मूल नस्ल को संरक्षित किया है। वर्षों से, गिर एक उच्च दूध उत्पादक नस्ल बन गई है ।

डेढ़ महीने के अंदर ही हमारे पुरे देश में वीर्य उपलब्ध होगा। इसे देसी गायों के प्रजनन को बढ़ावा देने के लिए देशभर में वितरित किया जाएगा। जिसके इस्तमाल से किसान आपने घर में रखी हुई देसी गाय का दूध बड़ा सकते है ।

ब्राजील में गिर और जर्सी नस्ल की गाय 35-40 लीटर दूध एक समय में देती है। जबकि भारत में इन नस्लों की गायों से एक समय में ज्यादा से ज्यादा 5 लीटर दूध ही मिलता है। इस से पहले भी सरकार द्वारा ब्राजील नस्ल के सांड का सीमन को देसी गाय में प्रत्यारोपित कराया गया है, जिसके बहुत अच्छे नतीजे आ रहे हैं। अब यह गाय प्रतिदिन एक समय में 40 लीटर तक दूध देगी। इसकी लागत भी अधिक नहीं आती है। यही कारण है कि सरकार ने सीमन लाने का फैसला किया है।