खारे पानी में करें इस फसल की खेती, हर साल होगी 7 लाख की कमाई

बहुत से इलाकों में खारे पानी की बहुत समस्या है। खारे पानी के कारण खेती करना लगभग मुश्किल हो रहा है। लेकिन राजस्थान के कुम्हेर के बाबैन गांव के किसान गाेपाल ने कृषि विभाग से संपर्क किया। इसके बाद विशेषज्ञों की सलाह मानते हुए अपने खेत में 144 फलदार पौधे लगाए। इसमें बेर की सेव किस्म के 60 पौधे हैं। ये पाैधे इन्होंने वर्ष 1994-95 में उद्यान विभाग के माध्यम से लगाए थे।

बेर के इन पेड़ाें से 4 क्विंटल प्रति पेड़ के हिसाब से लगभग 240 क्विंटल बेर के फल प्राप्त होते हैं। कृषक गोपाल के अनुसार मंडी में अाैसतन 30 रुपए किलाे का भाव मिल जाता है। लगभग 7.20 लाख रु. की बिक्री प्रतिवर्ष हो जाती है। सभी तरह की लागत निकालने के बाद लगभग 4 लाख रुपए की शुद्ध बचत हो जाती है।

इस तरह कृषक गोपाल को खारे पानी के कारण जहां पहले बहुत कम आमदनी होती थी, वहीं अब बेर के पेड़ाें से लाखों रुपए की आमदनी हर साल हो रही है। कार्यालय परियोजना निदेशक आत्मा भरतपुर की ओर से गोपाल को प्रगतिशील किसान के रूप में पुरस्कृत किया जा चुका है।

योगेश कुमार शर्मा परियोजना निदेशक आत्मा, डॉ. अशोक शर्मा प्रधान वैज्ञानिक सरसों अनुसंधान निदेशालय व उदयभान सिंह प्रोफेसर की ओर से समय-समय पर गाेपाल के खेतों, बगीचे तथा गोबर गैस संयंत्र का भ्रमण कर तकनीकी मार्गदर्शन दिया जा रहा है। इसी साल 17 अगस्त को केंद्रीय कृषि राज्यमंत्री कैलाश चौधरी ने सरसों अनुसंधान निदेशालय सेवर फार्म पर किसान गोष्ठी में भी गोपाल को सम्मानित एवं पुरस्कृत किया था।