कबाड़ के स्कूटर इंजन से ऐसे तैयार करें मिनी ट्रेक्टर

क्या अपने कभी सोचा है कि कबाड़ से क्रीडे हुए स्कूटर के इंजन से खेत जोतने वाला ट्रैक्टर तैयार हो जाये, लेकिन एक किसान ने ऐसा कर दिखाया है। सुंदरनगर की पलौहटा पंचायत के नेरी गांव के रमेश कुमार और उनके बेटे जितेंद्र वर्मा ने कबाड़ से स्कूटर इंजन खरीदकर एक साल में खेत जोतने वाला ट्रैक्टर तैयार कर दिया है।

ये दोनों कोई इंजीनियर नहीं बल्कि बारहवीं पास हैं। 55 किलोग्राम का ये ट्रैक्टर 20 हजार रुपये में तैयार हुआ है और इस में पांच हल लगे हैं। रिंग व डबल रिंग तीन प्रकार के टायर वर्जन में बने इस ट्रैक्टर से दो बीघा जमीन की जुताई सिर्फ एक लीटर पेट्रोल में की जा सकती है। इसे बनाने वाले रमेश का कहना है कि उन्होंने यू-ट्यूब वीडियोस देख और अपने मेकेनिकल अनुभव का उपयोग कर कबाड़ से स्कूटर-बाइक का इंजन खरीदा और उसे हल जोतने वाला ट्रैक्टर बनाने में सफलता हासिल की है।

साथ ही रमेश ने बताया कि वह कई बार फेल हुए लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और इसे बना ही लिया। उन्होंने बताया कि पहाड़ी राज्यों के किसानों के लिए यह ट्रैक्टर वरदान से कम नहीं होगा। क्योकि इसे छोटी से छोटी जगह ले जाया जा सकता है। इसकी सबसे ख़ास बात ये है कि इसमें वाइब्रेशन न होने के कारण इसका स्वस्थ्ती पर भी कोई बुरा असर नहीं पड़ेगा।

रमेश का कहना है कि वो भविष्य में इस ट्रैक्टर में काफी बदलाव लाएंगे। वो इसमें खेत से कचरा, घास व अन्य खरपतवार की सफाई करने वाले उपकरण लगाएंगे। ये ट्रैक्टर जुताई के साथ खेत की सफाई के काम भी आएगा। रमेश अब स्कूटर के इंजन के बाद बाइक के इंजन से भी ट्रैक्टर बनाने में सफल हो गए हैं। रमेश ने बताया कि उनका चार सदस्यों का परिवार आईआरडीपी में है। उनकी बहू पिछले चार साल से किडनी के रोग से लड़ रही है। और उनके घर की माली हालत भी काफी खराब है।