जानें अपने पुराने ट्रैक्टर से पैसे बचाने का फार्मूला

आजकल हर किसान के पास ट्रैक्टर सहित अन्य खेती मशीनें पहुंच चुकी हैं। सही जानकारी के अभाव में हर साल किसान अतिरिक्त डीजल की खपत कर अपना आर्थिक नुकसान कर बैठते हैं। इसी के चलते किसानों को फसलों से कोई ख़ास बचत नहीं हो पाती। लेकिन थोड़ी-सी सावधानी से किसान भाई इस खर्च को कम कर सकते हैं।

ज्यादातर किसान भाइयों के ट्रैक्टर के तेल की टंकी और नाली के बाच में कहीं जोड़ लगा हुआ होता है और वहां से तेल लीक कर रहा होता है, लेकिन किसान भाई इस पर ज्यादा ध्यान नहीं देते। ट्रैक्ट्रर/डीजल ईंजन मैकेनिकों का मानना है कि तेल की टंकी व तेल नाली के बीच कहीं जोड़ लगा हुआ है और वहां से प्रति सेंकेेंड एक बूंद तेल टपक रहा है तो करीब एक माह में 45 से 50 लीटर तेल बर्बाद हो जाता है। जबकि तेल नाली बदलने का बहुत कम होता है, लेकिन अक्सर किसान इस तरफ ध्यान बहुत कम देते हैं।

इंजेक्टर को समय पर चैक करना जरूरी है

ट्रैक्टर में किसान भाई काले धुंए पे पर भी ज्यादा ध्यान नहीं देते लेकिन लगातार इंजन से काला धुआं निकल रहा हो तो तत्काल इंजेक्टर/इंजेक्शन पंप की जांच करवानी चाहिए। छोटे इंजन को प्रयोग करने के 150 से 180 घंटे व ट्रैक्ट्रर को 600 से 650 घंटे प्रयोग करने के बाद इंजेक्टर की नियमित जांच करवाने से तेल की खपत नहीं बढ़ती।