बहुत से किसान गेहू की पछेती बिजाई करते हैं लेकिन उन्हें पैदावार ज्यादा नहीं मिल पाती। लेकिन हम आपको ऐसी किस्म के बारे में बताने वाले हैं जिसकी पछेती बिजाई के बाद भी आप ज्यादा उत्पादन ले सकेंगे। किसान भाइयों अगर आप गेहूं की पछेती बिजाई कर रहे है तो आपको 3765 किस्म के बीज का उपयोग करना चाहिए।
ध्यान रहे कि बिजाई के पहले बीज उपचार जरूर कर लें। बीज उपचार करने से पौधों में कीड़े नहीं लगते और पैदावार में भी बढ़ोतरी होती है। साथ ही किसानों को पछेती बिजाई करते समय बीज के किस्म पर जरूर ध्यान देना चाहिए। ताकि लेट होने पर भी पैदावार प्रभावित न हो।
अगर किसान बीज की किस्म पर ध्यान नहीं देंगे तो पैदावार में 20 फीसदी प्रति एकड़ तक गिरावट हो सकती है। जिसका किसान को नुकसान उठाना पड़ेगा। इसी कारण पछेती बिजाई कर रहे किसानों को बीज किस्म 3765 और डब्ल्यूएच 1124 किस्म के बीज का उपयोग करना चाहिए। ये बीज लगाने से 15 क्विंटल प्रति एकड़ तक की पैदावार होती है।
साथ ही किसानों को बिजाई से पहले पौधों को दीमक और कंगीयारी बीमारी से बचाने के लिए गमकसीन से बीज उपचार करना चाहिए। आपको बता दें कि बायो फर्टिलाइजर का प्रयोग करने पर भी पैदावार में बढ़ोतरी होती है। इसके इस्तेमाल से जमीन में पड़े बैक्टीरिया से मिलने वाला पोषक तत्व पौधों को आसानी से उपलब्ध हो जाता है, जो पैदावार बढ़ाने में काफी सहायक होता है।
किसान ध्यान रखें कि बिजाई के 25 दिन के अंतराल पर फसल को पानी जरूर देना चाहिए। बहुत से किसान गेहू की पछेती बिजाई के समय बीज के किस्म का चुनाव नहीं करते है, जिस कारण पैदावार में कमी आती है।