अक्सर समय समय पर केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा किसानों को कृषि यंत्रों पर सब्सिडी दी जाती है। क्योकि बहुत से छोटे किसान महंगे कृषि यंत्र नहीं खरीद पाते और आज के समय में आधुनिक कृषि के लिए कृषि यंत्रों का होना बहुत जरूरी है। इसी लिए छोटे किसानों को किराये पर कृषि यंत्र उपलब्ध करवाने के लिए द्र सरकार ने देश में 42 हजार कस्टम हायरिंग सेंटर भी बनाए हैं। आपको बता दें कि अब मोदी सरकार ने किसानों की समस्या का हल करने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है।
आपको बता दें कि केंद्र सरकार ने अब कुछ पिछड़े राज्यों में खेती-किसानी से जुड़ी मशीनों पर किसानों को 100 फीसदी तक सब्सिडी देने का फैसला किया है। यानि कि किसानों को अपनी जेब से एक भी रुपया नहीं लगाना पड़ेगा और किसान कस्टेम हायरिंग केंद्र खोल सकेंगे। जानकारी के अनुसार खेती में मशीनीकरण को बढ़ावा देने के केंद्रीय कृषि मंत्रालय द्वारा कृषि यंत्रीकरण उपमिशन नाम की योजना शुरू की गई है।
इस योजना के अंतर्गत अब किसान जुताई, बुवाई, पौधारोपण, फसल कटाई और वेस्ट मैनेजमेंट के लिए उपयोग में लाई जाने वाली मशीनों को बहुत आसानी से खरीद सकेंगे। इसी तरह कृषि यंत्रीकरण उपमिशन के तहत लैंड लेवलर, जीरो टिल सीड ड्रिल, हैप्पी सीडर, मल्चर आदि जैसे आधुनिक कृषि मशीनरी मिलेगी। आपको बता दें कि पूर्वोत्तर क्षेत्र के किसानों के लिए केंद्र सरकार की ओर से विशेष सुविधा दी गई है।
जिसके अनुसार सरकार CHC सेंटर बनाने के लिए 100 फीसदी आर्थिक मदद देगी। इस योजना में किसानों को अधिकतम 1.25 लाख रुपए मिलेंगे। बता दें कि पूर्वोत्तर क्षेत्र के किसान समूहों यदि मशीन बैंक बनाने पर 10 लाख रुपए तक का खर्च करते हैं तो उन्हें 95 प्रतिशत सब्सिडी मिलेगी। बाकि सभी क्षेत्रों में किसानों को 40 प्रतिशत मदद मिलेगी। जबकि एससी, एसटी, महिला व लघु-सीमांत किसानों के लिए 50 प्रतिशत की दर से सब्सिडी मिलेगी।
जो भी किसान सब्सिडी का फायदा लेना चाहता है तो वह अपने नज़दीकी CSC (कॉमन सर्विस सेंटर) जाकर आवेदन कर सकता है। किसान यहाँ पर जाकर अपनी पसंद का यंत्र सीएससी संचालक को बता सकता है. इसके बाद सीएससी सेंटर संचालक आवेदन नंबर किसान को दे देगा। इसके साथ ही किसान साइबर कैफे आदि से भी आवेदन कर सकते हैं। इसके लिए किसान को https://agrimachinery.nic.in/ पोर्टल पर जाकर आवेदन करना होगा।