खेती बिल के कारण पंजाब और हरियाणा के किसान लगातार संघर्ष कर रहे हैं और इन बिल को वापिस लेने की मांग कर रहे हैं।इसी बीच अब किसानों के आंदोलन को देखते हुए केंद्र सरकार ने एक राहत की खबर दी है। आपको बता दने कि सरकार ने धान की खरीद को एक हफ्ता पहले ही शुरू करने की इजाजत दे दी है। आपको बता दें कि किसान लगातार पिछले दो हफ्ते से विरोध कर रहे हैं। सरकार ने इससे पहले भी किसानों को शांत करने के लिए धान की कटाई शुरू होने से पहले ही रबी की फसलों की कीमत घोषित कर दी थी।
जानकारी के अनुसार किसान तीन नए खेती विधेयकों से खुश नहीं हैं और उनका कहना है कि इन विधेयकों से मंडियां टूट जाएंगी और MSP सिस्टम भी खत्म हो जाएगा। लेकिन दूसरी ओर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर का ये कहना है कि सरकार MSP को कभी खत्म नहीं करेगी और सरकारी खरीद भी इसी तरह जारी रहेगी।
इसी के चलते सरकार ने रबी की फसल के लिए MSP काफी पहले निर्धारित कर दिया है। आम तौर पर यह अक्टूबर के अंत में किया जाता है जब किसान गेहूं की बोआई शुरू करते हैं। साथ ही अब सरकार ने धान की खरीद भी 26 सितंबर से शुरू कर दी है। इस बारे में केंद्रीय खाद्य एवं आपूर्ति मंत्रालय की ने एक पत्र जारी करते हुए कहा है कि पंजाब और हरियाणा की मंडियों में धान इस बार जल्दी आना शुरू हो चुका है।
इसी कारण धान की खरीद एक अक्टूबर के बजाय 26 सितंबर से शुरू की जा रही है। दिलचस्प बात यह है कि केंद्र सरकार ने 26 सितंबर को ही पत्र जारी किया है। सरकार के इस फैसले से मंडियों में सबसे पहले आने वाली सठ्ठी किस्म की धान ( जो फसल साठ दिन में पकती है) वो भी MSP पर खरीदी जाएगी।
पिछले सीज़न में ये देखा गया है कि सरकारी एजेंसियों की गैर मौजूदगी में प्राइवेट प्लेयर किसानों से MSP से कम कीमत पर धान की खरीद शुरू कर देते हैं। सरकार को इसका फायदा यह होगा कि मंडियों में वह पहले ही खरीद शुरू कर देगी और महामारी के चलते इस बार भी किसानों को कूपन देकर मंडियों में अपनी फसल को लाने को कहा जाएगा। इससे सरकार के पास खरीद के लिए एक सप्ताह का समय और बढ़ जाएगा।