हर साल धान की कटाई के बाद फसलों का कुछ भाग यानि पराली बच जाती है और इसे बहुत से किसान जला देते हैं। खासकर पंजाब और हरियाणा में धान उत्पादन ज्यादा होने के कारण पराली जलाने के सबसे ज्यादा मामले भी इन्ही राज्यों में होते हैं। लेकिन इस बार किसानों को पराली जलानी नहीं पड़ेगी। आपको बता दें कि भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान ने पराली की समस्या का हल ढूंढ लिया है।
संसथान द्वारा एक ऐसी तकनीक विकसित की है जिस में सिर्फ 20 रुपए का खर्च आएगा। इसके इस्तेमाल से किसानों की लागत भी काफी कम होगी। आपको बता दें कि पाराली जलाने के कारण हवा प्रदूषण का स्तर हर साल बढ़ जाता है। जिसके चलते सर्दियों के मौसम में लोगों का दम घुटने लगता है। इसको देखते हुए भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के वैज्ञानिकों ने डीकंपोजर कैप्सूल तैयार किए हैं।