पिछले कुछ दिन से उत्तर भारत की मंडियों में कपास की आवक लगातार बढ़ती जा रही है। लेकिन अभी तक सरकारी खरीद शुरू नहीं हुई है। इसके चलते किसान निराश हैं क्योकि उन्हें अपनी फसल को न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) से 1,000 रुपये प्रति क्विंटल कम भाव पर बेचना पड़ रहा है। हरियाणा की मंडी डबवाली के किसानों का कहना है कि भारतीय कपास निगम (सीसीआई) की खरीद शुरू होने की उम्मीद से भाव में तेजी आई थी, लेकिन अभी तक खरीद शुरू नहीं हुई जिसके चलते फिर नरमी आ गई है।
जानकारी के अनुसार डबवाली और सिरसा में किसानों को कपास का भाव 4,700-4,800 रुपये प्रति क्विंटल मिल रहा है। लेकिन केंद्र सरकार ने चालू सीजन के लिए लंबा रेशा कपास का MSP 5,825 रुपये प्रति क्विंटल तय किया है। यानि किसानों को प्रति क्विंटल 1,000 रुपये कम मिल रहा है। किसान कम दाम पर फसल बेचने के लिए मजबूर हैं क्योकि उन्हें मजदूरों की मजदूरी और बैंकों का कर्ज़ा चुकाने और अगली फसल की बुवाई के लिए भी पैसों की जरूरत है। किसानों का कहना है कि सिर्फ कपास ही नहीं बल्कि मक्का और धान भी MSP से नीचे बिक रहा है।