किसानो और सरकार की मीटिंग ख़त्म, मीटिंग में निकला यह नतीजा

नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन का आज 10वां दिन है। किसान पिछले 10 दिन से सरकार के साथ आर पार की लड़ाई के मूड मैं है एक अंदाजे के मुताबिक इस किसान आंदोलन में 5 लाख के करीब किसान शामिल हो चुके है जिसमे बड़ी गिनती पंजाब और हरियाणा के किसानो की है इनके बिना भी भारत के लगभग सभी राज्यों के किसान इस आंदोलन का हिस्सा बने हुए है ।

ताजा जानकारी के अनुसार किसान नेता विज्ञान भवन से बाहर निकल गए हैं । किसानों का सरकार से कहना है कि आज की बैठक बेनतीजा रही। किसान प्रतिनिधियों का कहना है कि वह केवल हां और नहीं में जवाब चाहते हैं । किसानो ने सरकार के आगे मोन धारण कर लिया उन्होने कहा के वो सिर्फ हाँ जा ना में ही जवाब जानना चाहते है ।

किसान नेता केवल कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग पर अड़े हैं ।सरकार ने किसान नेताओं के सामने 9 दिसंबर को छठे दौर की बातचीत का प्रस्‍ताव रखा है । लेकिन इस बार किसान नेताओं ने बोलै है के मीटिंग से पहले उन्हें बता दे के मीटिंग पर किस विषय पर बात होगी ।

पहले दौर की मीटिंग ख़तम होने के बात जो बात आगे आयी के इन नए कृषि कानूनों को रद्द करने के लिए केन्द्र सरकार संसद का विशेष सत्र बुलाए। उन्होंने कहा कि प्रदर्शनकारी नए कानूनों में संशोधन नहीं चाहते हैं बल्कि वे चाहते हैं कि इन कानूनों को रद्द किया जाए। किसान आज भी अपना खाना साथ लिए है और उन्होंने ज़मीन पर रखकर खाना खया है ।

पंजाब के राज्य प्रमुख हरजिंदर सिंह टांडा ने कहा कि हम कृषि कानूनों का वापस लेने की मांग पर अड़े हैं। अगर सरकार ने हमारी मांग नहीं मानी, तो हम अपना आंदोलन जारी रखेंगे। बैठक में किसान प्रतिनिधियों ने सरकार से पिछली बैठक में उठाए गए मुद्दों पर लिखित जवाब मांगा है। और सरकार ने उनको पिछली मीटिंग का जवाब दे दिया है ।

किसान अपनी मांगों को लेकर किसी भी सूरत में झुकने को तैयार नहीं हैं। किसानों ने सरकार से जल्द उनकी मांगे मानने की अपील की है। इसके साथ ही किसान संगठनों ने 8 दिसंबर को भारत बंद का ऐलान किया है साथ ही उन्होंने इस दिन टोल प्लाजाओं पर कब्जे की भी चेतावनी दी। और 7 दिसंबर को खिलाडी अपना पुरस्कार वापिस करेंगे ।