आ गया नेनो यूरिया अब खेतों में बार बार यूरिया डालने का झंझट ख़तम

दोस्तों आज हम एक ऐसी जानकारी देने जा रहे है जिसको जानकर हर किसान को ख़ुशी होगी इस से किसानो का समय और मेहनत दोनों बचेंगें क्योंकि भारत का पहला नैनो यूरिया लिक्विड (Nano urea liquid) तो तैयार हो गया है इसका सबसे बड़ा फ़ायदा यह है जितने एरिया में आप एक बोरी खाद छिटकते थे उतने में ही एक बॉटल लिक्विड को स्प्रे करना होगा.

इसकी कीमत क्या है इसे कैसे इस्तेमाल करना है और इसके क्या फायदे है इस सब की पूरी जानकारी हूँ आज आपको देंगे .

इफको अधिकारियों का कहना है 500 ml नैनो यूरिया लिक्विड 100 लीटर पानी में मिलाकर इस्तेमाल करें. उम्मीद यह है कि अगले दो सीजन में 50 फीसदी पारंपरिक यूरिया को यह रिप्लेस कर देगा.

किसानों के लिए इसका सबसे बड़ा फायदा यह है कि इसका दाम 10 फीसदी कम है. इसके 500 एमएल की बोतल किसानों को 240 रुपये में मिलेगी. रखने में भी कोई समस्या नहीं है.

नैनो यूरिया की खासियत

इसकी सबसे बड़ी खासियत यह है के नेनो यूरिया खेत में यूरिया की जरूरत 50 फीसदी तक कम करेगा.छिटकवां विधि में यूरिया पौधों की जड़ पर पड़ती है. जबकि इसमें सीधे पत्तियों पर स्प्रे होगा. इसलिए यह ज्यादा असरदार होगी.

फसल विकास की प्रमुख अवस्थाओं में नैनो यूरिया का पत्तियों पर छिड़काव करने से नाइट्रोजन की आवश्यकता प्रभावी तरीके से पूरी होती है. यह अपने नैनो कणों (यूरिया के एक दाने का पचपन हजारवां भाग) के कारण अधिक प्रभावशाली एवं उपयोगी है.

इसकी अवशोषण (Soaking) क्षमता 80 प्रतिशत से भी अधिक पाई गई है, जो कि सामान्य यूरिया की तुलना में अधिक है. इसलिए पौधे की नाइट्रोजन मांग को पूरा करने के लिए नैनो यूरिया की आवश्यकता कम मात्रा में होती है. भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (ICAR) और राज्य कृषि विश्वविद्यालयों के 20 से अधिक रिसर्च सेंटरों में 94 फसलों पर ट्रायल किए गए. इससे फसलों की उपज में औसतन 8 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है.

कैसे काम करता है यह यूरिया

पत्तियों पर छिड़काव के बाद नैनो यूरिया के कण स्टोमेटा एवं अन्य संरचनाओं के माध्यम से आसानी से पत्तियों में प्रवेश कर कोशिकाओं द्वारा अवशोषित कर लिए जाते हैं. ये कण बड़ी आसानी से पौधे की आवश्यकतानुसार अन्य भागों में वितरित हो जाते हैं. पौधे के उपयोग के बाद बची हुई नाइट्रोजन रिक्तिकाओं (Vacuole) में जमा हो जाती है और आवश्यकतानुसार पौधौं को उपलब्ध होती रहती है.

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