देश में बहुत से किसानों को सिंचाई की समस्या से झूझना पड़ रहा है और कई जगह तो किसानों को सिंचाई के लिए बहुत सारा खर्चा करना पड़ता है। लेकिन अब सिंचाई का एक नया तरीका आ चूका है। इस नए तरीके से सिंचाई करने पर किसानों को सरकार की ओर से 85 प्रतिशत पैसा दिया जाएगा।
आपको बता दें कि हरियाणा सरकार द्वारा राज्य के किसानों के हित में एक अहम कदम उठाते हुए सूक्ष्म सिंचाई (Micro Irrigation) का प्रयोग करने वाले किसानों के लिए खास योजना की शुरुआत की गयी है। इस योजना से सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली से किसान कम पानी में फसलों का अधिक उत्पादन लेने के साथ साथ पानी की बचत और फसलों की सिंचाई पर होने वाले खर्च को भी कम कर सकेंगे।
हरियाणा सरकार ने इस योजना का लाभ उठाने के इच्छुक किसानों के लिए एक वेबसाइट तैयार की है। इस पोर्टल पर किसान रजिस्ट्रेशन कर सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली की स्थापना के लिए आवेदन कर सकते हैं। उसके बाद सरकार किसानों को सब्सिडी देगी। साथ ही सरकार सभी किसानों को सूक्ष्म सिंचाई अपनाने के लिए जागरूक कर रही है।
राज्य सरकार के एक अधिकारी का कहना है कि इस योजना का लाभ किसान व्यक्तिगत रूप या कम से कम चार किसानों के समूह के रूप में ले सकते हैं। एक किसान को वाटर टैंक के निर्माण पर 70 प्रतिशत, सोलर पंप पर 75 प्रतिशत तथा मिनी स्प्रिंकलर/ड्रिल पर 85 प्रतिशत सब्सिडी दी जाएगी।
इसी तरह किसानों के समूह को वाटर टैंक के निर्माण पर 85 प्रतिशत, सोलर पंप पर 75 प्रतिशत और मिनी स्प्रिंकलर/ड्रिल पर 85 प्रतिशत सब्सिडी दी जाएगी। जानकारी के अनुसार वाटर टैंक की खुदाई पूरी होने पर सब्सिडी का 20 प्रतिशत, वाटर टैंक का निर्माण पूरा होने पर 40 प्रतिशत और सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली की स्थापना पर 40 प्रतिशत हिस्सा दिया जाएगा।
शर्तों के अनुसार सूक्ष्म सिंचाई में प्रयोग होने वाले ‘ऑन फार्म पॉन्ड’ के लिए जमीन हिस्सेदार किसानों को उपलब्ध करानी होगी। 25 एकड़ जमीन पर सूक्ष्म सिंचाई के लिए ‘ऑन फार्म पॉन्ड’ के लिए 2 कनाल जमीन की उपलब्धता करानी होगी। इस योजना के तहत खाल निर्माण व दोबारा निर्माण के लिए खर्च की 99 प्रतिशत राशि सरकार देगी और खाल के हिस्सेदार अपने हिस्से की 1 प्रतिशत राशि जमा कराने के लिए तैयार हों।