किसान भाइयों अगर आप पारम्परिक खेती से हट के कुछ करने के बारे में सोच रहे हैं तो आज हम आपको एक ऐसी खेती के बारे में जानकारी देंगे जिससे आप बाकि फसलों के साथ साथ खेत की बाउंड्री पर कर सकते हैं और लाखों रुपए कमा सकते हैं। इस खेती में किसान बहुत कम लागत में उम्रभर लाखों का मुनाफा ले सकते हैं।
किसान भाइयों हम बात कर रहे हैं बांस की खेती (Bamboo Farming) के बारे में। आपको बता दें कि इसकी डिमांड मार्किट में हमेशा बनी रहती है, ऐसे में किसान बहुत कम मेहनत में सारा साल कमाई कर सकते हैं। खास बात यह है कि बांस की खेती पर सरकार 50 प्रतिशत की सब्सिडी भी देती है।
एक बार बांस की फसल लगाने पर ये लगभग 40 साल तक बांस देती रहती है। बांस की अंतर्राष्ट्रीय डिमांड भी काफी ज्यादा है जिसके चलते सरकार भी ऐसी खेती में दिलचस्पी रखती है और सब्सिडी भी देती है। किसान बाकि फसलों के साथ साथ खेत के चारो और बांस की खेती कर सकते हैं।
आपको बता दें कि बांस को बीज, कटिंग या राइज़ोम से लगाया जा सकता है। बांस की खेती के लिए पौधों की सही दूरी सबसे जरूरी होती है। इसलिए ध्यान रखने कि बांस को पंक्तियों में 12 मीटर गुणा 4 मीटर की दूरी के साथ लगाएं। इस विधि से किसान प्रति एकड़ लगभग 100 पौधों लगा सकते हैं।
आप 5×4 मीटर की दूरी पर भी पौधे लगा सकते हैं और इस तरिके से आप प्रति एकड़ 250 पौधों लगा सकेंगे। बांस का पौधा लगाने के लिए 2 फीट गहरा और 2 फीट चौड़ा गड्ढा खोदा जाना चाहिए। रोपाई के तुरंत बाद पौधे को पानी जरूर दें और एक महीने तक रोजाना वहीं पर पानी देते रहें। बांस की कुछ किस्मों की कटाई तीसरे या चौथे साल से शुरू की जा सकती है।
जलवायु की बात करें तो भारत में कश्मीर की घाटियों के अलावा कहीं भी बांस की खेती की जा सकती है। आपको बता दें कि बांस की खेती के लिए 15 डिग्री से नीचे का मौसम उपयुक्त नहीं होता है। मिट्टी ज्यादा रेतीली नहीं होनी चाहिए। इसी तरह बांस की खेती में बहुत कम उर्वरकों की जरूरत होती है। बांस की रोपाई के समय आप गोबर की खाद का प्रयोग कर सकते हैं।