खेती करने के लिए किसानों का डीज़ल का काफी ज्यादा खर्चा होता है लेकिन अब जल्द ही किसानों का डीज़ल का खर्चा बिलकुल जीरो हो जाएगा। आपको बता दें कि केंद्र सरकार ने डीज़ल के उपयोग को ख़त्म करने के लिए एक नई योजना शुरू की है।
इस बारे में केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह का कहना है कि भारत में अगले दो सालों में कृषि में डीजल का इस्तेमाल लगभग समाप्त हो जाएगा। और इसकी जगह पर नवीकरणीय ऊर्जा के साथ जीवाश्म ईंधन का इस्तेमाल होगा। केंद्र सरकार ऐसा संभव करने के लिए सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के साथ काम करने के लिए तैयार हैं।
बिजली मंत्रालय द्वारा अब लगातार किसानों को खेतों में सिंचाई के लिए डीजल से चलने वाले पंपों की जगह के सौर ऊर्जा से चलने वाले सिंचाई पंपों का इस्तेमाल करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। केंद्र सरकार अब कई सोलर पंप योजनाएं भी चला रही है।
इन योजनाओं के माध्यम से सरकार किसानों को सोलर पंप लगाने के लिए आर्थिक मदद और सब्सिडी भी दे रही है। इसके साथ ही राज्य सरकारों द्वारा भी किसानों को सोलर सिंचाई पंप लगाने के लिए सब्सिडी देना शुरू कर दिया है। आपको बता दें कि सरकारी आंकड़ों के अनुसार, भारत के कुल ईंधन खपत का लगभग 2/5 हिस्सा डीजल का है।
हमारे देश में सबसे ज्यादा डीज़ल का इस्तेमाल किसानों द्वारा खेती के लिए किया जाता है। इस स्थिति में सौर ऊर्जा को इस्तेमाल करने का यह कदम सबसे कारगर साबित हो सकता है। क्योकि ऐसा करने से किसानों के डीजल की खपत कम होगी और साथ ही किसानों का खर्चा भी बिलकुल जीरो हो जाएगा और आमदनी बढ़ेगी।