इस जगह 7 हजार से भी महंगी बिक रही सरसों की फसल, किसान हो रहे मालामाल

इस बार बहुत से किसानों ने रबी सीजन में गेहूं की जगह सरसों की फसल की खेती की थी। अब उन किसानों को काफी फायदा मिल रहा है क्योकि सरसों के भाव बहुत अच्छे मिल रहे हैं। खासकर पंजाब में सरसों के भाव अब 7000 रुपए तक पहुंच चुके हैं। आपको बता दें कि सरसों के लिए केंद्र सरकार ने न्यूनतम समर्थन मूल्य 5050 रुपए प्रति क्विंटल तय किया है।

लेकिन सरसों की फसल 6500 से 7000 रुपए के भाव में बिक रही है। गेहूं के मुकाबले सरसों की खेती में मेहनत और लागत भी कम लगती है। सरसों के बढ़ते हुए रकबे से कृषि वैज्ञानिक भी बहुत खुश हैं। क्योकि सरसों की खेती से पानी की भी बचत होती है और साथ ही सरसों वाले खेत में अगले सीजन में अधिक पैदावार भी मिलेगी।

अब किसान सरसों की खेती से खरीफ सीजन में हुए नुकसान की भरपाई भी कर रहे हैं। बता दें कि पंजाब में खरीफ सीजन में किसानों ने कपास की खेती की थी, लेकिन गुलाबी सुंडी ने फसल पर हमला कर दिया था। जिसके कारण किसानों को बहुत नुकसान हुआ था। किसानों के अनुसार कपास की खेती में पहले प्रति एकड़ 12-16 क्विंटल उपज मिल जाती थी, लेकिन इस बार सिर्फ 4 क्विंटल पैदावार मिली।

इसी के कारण बहुत से किसानों ने गेहूं की जगह सरसों की खेती की। इस बार पंजाब में पिछले 15 सैलून में सबसे ज्यादा सरसों की खेती हुई है। सरसों का रकबा बढ़ने के साथ साथ किसानों को ज्यादा उत्पादन भी हासिल हुआ है। किसानों ने बताया कि इस बार एक एकड़ में औसतन 7 क्विंटल तक उपज प्राप्त हुई है, जो पिछली बार से बहुत ज्यादा है।

बाकि राज्यों में भी सरसों के भाव में रिकॉर्ड तेज़ी देखने को मिल रही है। व्यपारियों का कहना है कि सरसों के भाव आने वाले दिनों में और भी बढ़ सकते हैं जिससे किसानों का मुनाफा और भी बढ़ेगा।

अलग अलग मंडियों की बात करें तो रावतसर मंडी में सरसों का भाव 7010 रुपए, अबोहर मंडी में 6855 रुपए, हिसार मंडी में सरसों 6888 रुपए प्रति क्विंटल तक बिक रही है। इसी तरह संगरिया मंडी में सरसों 6921 रुपए, जयपुर में 7300 रुपए, दिल्ली में 7100 रुपए और ग्वालियर में 6600 रुपए तक बिक रही है।

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