देश के ज्यादातर किसान रिवायती खेती कर रहे है, जिस से किसानों को फसल पर आमदन से ज्यादा लागत आ जाती है , फसल का पूरा दाम भी नहीं मिलता , लेकिन हमारे देश में कुछ किसान ऐसे भी है जो सब्जिओ और फलों की खेती से लाखों कमा रहे है, ये किसान केवल पैसा ही नहीं कमाते हैं बल्कि दूसरे लोगों के लिए प्रेरणा स्रोत भी बन जाते हैं। आज हम बात कर रहे है मंडी जिला की पांगणा उपतहसील के गांव मरोठी के निवासी हेमराज गुप्ता की ।
किसान हेमराज पहले पुराने तरीके से सेब की खेती करते से जिस से 5 बीघा बगीचे से 60 से 70 बॉक्स सेब निकलते थे। लेकिन अब उन्हों ने बागवानी विभाग के सघन खेती मॉडल को अपनाया है, इस से पुरानी फसल के एक पेड़ की जगह रूट स्टॉक के 15 से 20 पौधे लगते हैं, किसान का कहना है कि सेब की पुराने तरीके की खेती के बगीचों में फल आने में 10 से ज्यादा साल लग जाते हैं जबकि सेब की परंपरागत खेती की अपेक्षा क्लोनल रूट स्टॉक पर तैयार बगीचों में 2 से 3 वर्षों में फल लगना शुरू हो जाते हैं ।