बजट में हुए एक बड़े फैसले के कारण किसानों को भारी नुकसान होने वाला है। आपको बता दें कि खरीफ तथा रबी मौसम के सीजन में किसानों को कई राज्यों में खाद खरीदने के लिए कई मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। क्योकि किसानों को उर्वरक नहीं मिल रहा है। यहां तक कि सबसे महत्वपूर्ण खाद यूरिया की कमी भी कई राज्यों में देखने को मिली है।
जिसके चलते 266 रूपये प्रति 45 किलोग्राम की पैकेट को किसान 340 रूपये तक में ब्लैक में खरीदने के लिए मजबूर हैं। बता दें कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त वर्ष 2020 – 21 का बजट पेश करते हुए कृषि में उपयोग होने वाले रासायनिक उर्वरक के लिए 71,309 करोड़ रूपये का प्रावधान किया है। जिसमें 47,805 करोड़ रुपये का प्रावधान यूरिया के लिए किया गया है तोऔर तत्व आधारित उर्वरक के लिए 23,504 करोड़ रूपये का प्रावधान किया गया है |
यानि कि सरकार ने पिछली बार के मुकाबले इस साल उर्वरक के लिए 8,690 करोड़ रूपये की कटौती की है। जिसमें 5,824 करोड़ रूपये यूरिया के लिए और 2,863 करोड़ रूपये की कटौती पोसक तत्त्व के लिए की गई है। अब देखना ये है कि उर्वरक पर बजट में कटौती करने से क्या प्रभाव पड़ता है। क्योंकि केद्र सरकार द्वारा कृषि में उपयोग होने वाले रासायनिक खाद का उत्पादन और आय दोनों कम कर दिया है।
आपको बता दें कि देश में 2013 से लेकर 2018–19 तक यूरिया का 225 लाख मीट्रिक टन से ज्यादा उत्पादन था लेकिन साल 2019 – 20 में ये उत्पादन कम होकर सीधा 138.28 लाख मैट्रिक टन हो गया है। यानि कि 2019–20 में यूरिया के उत्पादन को 111.72 लाख मीट्रिक टन कम कर दिया गया है। जिसका असर इस खरीफ और रबी मौसम में देखने को मिला है।
सरकार द्वारा उर्वरक के उत्पादन के साथ साथ आयत को भी कम कर दिया गया है | जिस कारण किसानों को उर्वरक के जरूरत से कम मिल रहा है और आने वाले समय में किसानों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ सकता है।