किसानों के लिए एक बड़ी खबर है। प्रधान मंत्री फसल बीमा योजना में केंद्रीय कृषि मंत्रालय द्वारा किसानों की मांगों के बारे में उठाए गए सवालों में कई महत्वपूर्ण बदलाव कर दिए हैं। इन बदलावों का किसानों को काफी बड़ा फायदा होने वाला है। हलाकि ज्यादातर किसानों को इस योजना के बारे में अभी तक पता नहीं है।
आपको बता दें कि कुछ समय पहले तक पहले से ही बिमा कंपनियां किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) वाले किसानों के खातों से प्रीमियम काट रही थीं। जिसका कुछ किसानों को पता भी नहीं था कि उनके फसल के प्रीमियम को उनके खाते से काट लिया गया है। लेकिन उनका प्रीमियम पहले ही बीमा कंपनी के पास बैंक से जमा कर दिया जाता था। लेकिन अब ऐसा नहीं होगा।
इस योजना में बदलावों की बात करें तो इसमें सबसे पहला बदलाव ये हुआ है कि अब इस योजना को सभी किसानों के लिए स्वैच्छिक बनाया दिया गया है। इसकी मांग काफी समय से किसान संगठन कर रहे थे। यानि कि अब केसीसी पैसा नहीं काटा जाएगा।
हलाकि किसानों के योगदान में कोई बदलाव नहीं किया गया है। उन्हें पहले की तरह खरीफ फसल पर 2% प्रीमियम, रवि फसल पर 1.5% और बागवानी नकदी फसल पर अधिकतम 5% का भुगतान करना पड़ेगा।
इस योजना में होने वाला तीसरा बड़ा बदलाव ये है कि अब से बीमा कंपनियां कम से कम तीन साल के लिए निविदाएं देंगी, पहले ये समय सिर्फ एक साल का ही था। यानि अब से बीमा कार्य कम से कम तीन साल के लिए पेश किया जाएगा, ताकि किसानों के प्रति उनकी प्रतिबद्धता और जिम्मेदारी पूरी हो सके।
इस योजना में किये गए अगले बदलाव के अनुसार अब किसान इस योजना में बीमा अपनी पसंद और आवश्यकता के अनुसार प्राप्त कर सकेंगे। यानि कि अब किसान सूखा या बाढ़ या दोनों में से कोई एक या दोनों चुन सकेंगे।
अब से इस योजना में निर्धारित समय के अंदर जो राज्य बीमा राशि का भुगतान नहीं करेंगे उन्हे इस योजना से बाहर रखा जाएगा। साथी ही अब से केंद्रीय सब्सिडी सिंचित क्षेत्रों में 25 प्रतिशत तक सीमित होगी और गैर-सिंचित क्षेत्रों के लिए केंद्रीय बीमा 30 प्रतिशत तक सीमित होगा।
इसी तरह इस योजना को लेकर एक खबर ये भी है कि अब से योजना में फसल के नुकसान का मूल्यांकन उपग्रह द्वारा किया जाएगा। यह एक स्मार्ट नमूना लेगा। यानि अब किसान बीमा क्लेम का भुगतान पहले की तुलना में तेजी से ले पाएंगे।