आ गई गेहूं और जौ की नई किस्में, जानिए क्या होगा इनमें खास

किसान हमेशा गेहूं की नई किस्मों की तलाश में रहते हैं जिनसे उन्हे ज्यादा फायदा मिल सके। आपको बता दें कि गेहूं और जौ की नई किस्में आ चुकी हैं। भारतीय गेहूं एवं जौ अनुसंधान संस्थान करनाल ने 26 अगस्त को अखिल भारतीय गेहूं एवं जौ अनुसंधानकर्ताओं की 59वीं कार्यशाला का ऑनलाइन आयोजन किया था। जिसमें देश के अलग अलग हिस्सों के गेहूं और जौ वैज्ञानिकों ने हिस्सा लिया।

इस आयोजन के दौरान समिति ने 12 प्रस्तावों पर विचार किया और सर्वसम्मति से उनमें से 11 को मंजूरी दे दी है। आपको बता दें कि इसमें से गेहूं की 10 और जौ की 1 किस्म की पहचान की गई है। सबसे पहले गेहूं की नई किस्मों के बारे में बात करें तो इनमे उत्तर-पश्चिमी मैदानी क्षेत्र के लिए HD 3298, DBW 187 अगेती बुवाई-सिंचित, DBW 303 अगेती बुवाई-सिंचित, WH 1270 अगेती बुवाई-सिंचित;

उत्तर पूर्वी मैदानी क्षेत्र के लिए HD 3293 सीमित सिंचाई-समय से बुवाई, मध्य क्षेत्र के लिए, सीजी 1029 सिंचित-देर से बुवाई, HI 1634 सिंचित-देर से बुवाई, प्रायद्वीपीय क्षेत्र के लिए DDW 48 (D) सिंचित-समय से बुवाई, HI 1633 सिंचित-देर से बुवाई, NIDW 1149 (D) सीमित सिंचाई- समय से बुवाई, ये सभी किस्में शामिल हैं।

वहीँ jजौ की सिर्फ एक ही नई किस्म विकसित की गई है जो कि उत्तर पश्चिमी मैदानी क्षेत्र के लिए है। जानकारी के अनुसार DWRB 182 सिंचित-समय से बुवाई जौ की नई किस्म है।

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