अब जल्द ही देश के किसानों के सामने एक और बड़ी मुश्किल खड़ी हो सकती है जिसके बाद खेती करना आसान नहीं रहेगा। आपको बता दें कि केंद्र सरकार लगातार देश में जैविक खेती को बढ़ावा देने को लिए कई प्रयास कर रही है। ऐसे में अब सरकार जल्द ही खेतीबाड़ी में हानिकारक कीटनाशकों के इस्तेमाल को कम करने के लिए 27 कीटनाशकों पर बैन लगाने की तैयारी में है।
जानकारी के अनुसार इसका फैसला अगले हफ्ते तक हो सकता है। हलाकि, माहिरों का कहना है कि इससे देश में पौधों की सुरक्षा करने वाले केमिकल की उपलब्धता में कमी आएगी। माहिरों के अनुसार जिन एग्रो केमिकल पर बैन लग सकता है वो काफी सस्ते हैं और अभी घरेलू खपत में करीब 50 प्रतिशत हिस्सेदारी रखते हैं।
बता दें कि ये कम लागत वाले जेनेरिक पेस्टिसाइड ( कीटनाशक ) माने जाते हैं और देश के किसान खेती में कई दशक से इनका उपयोग कर रहे हैं। इन कीटनाशकों का इस्तेमाल आलू जैसी कम लागत वाली फसलों करीब 70 प्रतिशत तक होता है। ये ब्रांडेड या पेंटेंटेड कीटनाशकों की तुलना में काफी सस्ते हैं। माहिरों का कहना है कि सरकार के इस कदम से देश की खाद्य सुरक्षा पर भी असर पड़ सकता है।
सरकार ने जिन 27 कीटनाशकों को प्रतिबंधित करने का फैसला किया है, उनमें एसेफेट, एट्राजीन, बेनफुराकार्ब, ब्यूटाक्लोर, कैप्टन, काबेंडाजिन, कार्बोफुरन, डाइकोफोल, डाइमेथोएट, डाइनोकैप, क्लोरपाइरीफॉस, डेल्टामेथ्रिन, डाययूरॉन, मैलाथियान, मैंकोजेब, मेथिमाइल, मोनोक्रोटोफोस, ऑक्सीफ्लोरफेन, पेंडिमेथालिन, क्विनालफोस, सल्फोसल्फ्यूरॉन, थियोडिकार्ब, थियोफेंट मिथाइल, थिरम आदि शामिल हैं।
ऐसे में अगर इन कीटनाशकों पर प्रतिबंध लगता है तो किसानों को काफी मुश्किल का सामना करना पद सकता है। किसानों को इनके बदल में या तो महंगे ब्रांडेड कीटनाशकों का इस्तेमाल करना पड़ेगा जिससे उनका खेती का खर्चा काफी ज्यादा बढ़ जाएगा और मुनाफा कम होगा।