रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध का असर पुरे विश्व के साथ साथ भारत पर भी देखने को मिल रहा है। गेहूं के भाव भी इस युद्ध के कारण काफी ज्यादा बढ़ रहे हैं जिससे किसानों को काफी फायदा होने वाला है। आपको बता दें कि गेहूं के भाव में पुरे देश में तेज़ी दिखाई दे रही है। इसका सबसे बड़ा ये है कि कारण अंतर्राष्ट्रीय बाजार में गेहूं का भाव करीब 50 प्रतिशत से भी ज्यादा बढ़ चुका है।
अगर रूस- यूक्रेन विवाद इसी तरह चलता है तो यह तेजी और बढ़ सकती है और किसानों का फायदा बढ़ेगा। ज्यादातर मंडियों में गेहूं के भाव MSP से भी काफी ज्यादा बढ़ चुके हैं जिसके चलते इस बार किसानों के लिए गेहूं की खेती फायदे का सौदा बन गई है। भारत का गेहूं विदेशों में धूम मचा रहा है और भाव बहुत अच्छे मिल रहे हैं।
आपको बता दें कि निर्यातकों की जबरदस्त मांग के कारण गुजरात के कांडला बंदरगाह पर गेहूं के ट्रकों की लंबी लाइन लगी हुई है। जोरदार मांग के चलते पिछले तीन दिनों में गेहूं के भाव 100 रुपए क्विंटल बढ़ गए है। गेहूं के भाव में उछाल के बाद भाव 2440 रुपए रहा।
गेहूं की अलग अलग किस्मों के भाव के बारे में बात करें तो मिल क्वालटी गेहूं कांडला डिलीवरी 2440, कांडला (मालवराज) 2380, संघवी देवास 2185, पारख देवास 2135, बजरंग एग्रो घाटाबिल्लौद (मालवराज) 2150, खंडवा ऑइल 2225, पारख पीथमपुर 2155 रुपए, लोकवन गेहूं 2350 से 2400, शरबती 3800 से 4000, मालवराज 2125 से 2150 व पूर्णा 2250 से 2300 रुपए क्विंटल तक भाव मिल रहा है।
इस साल भारत का गेहूं निर्यात बढ़कर 1.74 अरब डॉलर पर पहुंच गया है। जबकि पिछले साल इसी समय केवल 34 करोड़ डॉलर का निर्या हुआ था। भारत नए बाजारों यमन, अफगानिस्तान, कतर और इंडोनेशिया जैसे देशों में भी गेहूं निर्यात कर रहा है। आंकड़ों के अनुसार भारत सालाना करीब 10.75 करोड़ टन गेहूं का उत्पादन करता है।