गर्मी के मौसम में देने दूध वाले पशुओं दे यूरिया उपचारित भूसा ,होंगे ये बड़े फायदे

गर्मी के मौसम में दूध देने वाले पशुओं को विशेष केयर की जरूरत होती है। सही तरीके से ध्यान न देने पर उत्पादन तो कम होगा ही साथ ही पशुओं के बीमार होने का भी अंदेशा बना रहेगा। पौष्टिक आहार और पानी के साथ यूरिया उपचारित भूसा देकर उत्पादन समान बनाए रखा जा सकता है। यूरिया उपचारित भूसा देना चाहिए। इससे भूसे में 5 फीसदी प्रोटीन की मात्रा बढ़ जाती है।

गर्मी में जरूरी होता है कि दुधारू पशुओं को तेज धूप से बचाएं। 30 से 35 डिग्री सेल्सियस तापमान ही उपर्युक्त होता है। गर्मियों में मेटाबॉलिक रेट बढ़ जाता है। तापमान बढ़ने से एनर्जी लॉस शुरू हो जाता है। पशु चिकित्सकों के मुताबिक दूध का उत्पादन जानवर की ऊर्जा बचाने पर निर्भर करता है।

जितनी ऊर्जा बचाएंगे, उतनी ही उत्पादन क्षमता बढ़ेगी। जानवरों को तेज धूप में नहीं छोड़ना चाहिए। छायादार, साफ-सुथरे व हवादार स्थान पर रखना चाहिए। उचित व्यायाम भी कराना चाहिए। पशु जितना दूध देता है उससे आधी मात्रा में खली चुनी दाना देना चाहिए। दिन में चार बार में 80 से 90 लीटर पानी पिलाना चाहिए।

भैंसों को सुबह-शाम नहलाना लाभदायक होता है। इसके लिए बेलोइंग टैंक बनाना चाहिए। यथासंभव पंखा और कूलर लगा देना चाहिए। बछड़ों को कृमिनाशक दवाई देना चाहिए। क्याेंकि अधिकांश बछड़ों की मौत पेट में कृमियों की वजह से होती है। पशु चिकित्सकों के मुताबिक गर्मियों में हरा चारे की मात्रा कम होने से दाना-खली की मात्रा बढ़ा देना चाहिए।