अब मशरूम से बनेंगे ब्रेड, जल्द ही शुरू होगी ये नई तकनीक

देश के इकलौते डायरेक्टोरेट मशरूम रिसर्च (डीएमआर) सोलन मशरूम के विभिन्न उत्पाद तैयार कर रहा है ताकि लोगों में पोष्टिक अहार की कमी को दूर किया जा सकें। डीएमआर मशरूम जैम, मशरूम बिस्किट, मशरूम केक की टेक्नोलॉजी को पहले ही डेवलप कर चुका है।

इसी कड़ी में अब डीएमआर सोलन के मल्टीग्रेन मशरूम ब्रेड तैयार किया है ताकि लोगों को ब्रेक फास्ट में न्यूट्रीशन मिल सकें। मल्टीग्रेन ब्रेड के ट्रायल अब अंतिम चरण में है और इसके बाद शीघ्र ही इसकी तकनीक ब्रेड निर्माता कंपनियों को ट्रांसफर की जाएगी ताकि मशरूम को लोगों को डेली फूड में शामिल किया जा सकें। इससे परिवार भी निरोगी रहेगा।

ब्रेड से मिलेगा मशरूम का न्यूट्रीशन

मशरूम में मौजूद एंजाइम और फाइबर कॉलेस्ट्रोल कम करके हृदय रोग से सुरक्षा करते हैं। कॉलेस्ट्रोल के अलावा वसा व सोडियम कम पाए जाते हैं जिसके कारण मशरूम अच्छे स्वास्थ्य के लिए एक वरदान है। इसमें शूगर और स्टार्च कम होने से शूगर रोगियों के लिए मशरूम एक आदर्श आहार है।

तीन महीने से वैज्ञानिक मशरूम ब्रेड पर काम कर रहे

डीएमआर सोलन के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ बीएल अत्री, डॉ. अनुराधा और शैलजा वर्मा पिछले तीन माह से मल्टीग्रेन मशरूम ब्रेड पर कार्य कर रहे हैं। मल्टीग्रेन ब्रेड कैंसर, वीपी, शूगर, हार्ट और अन्य रोगों से बचाव के लिए कारगर साबित होगी। बदलती जीवन शैली में रोज देरी से उठना, धूप में कम निकलने के कारण लगातार विटामिन डी की कमी के रोगियों की संख्या बढ़ रही है। खाने में ही लोगों को आवश्यक पोषक तत्व मिलें, इसलिए यह मशरूमयुक्त मल्टीग्रेन ब्रेड तैयार की है।

इसकी टेक्नोलॉजी को फाइनल करने के बाद यह तकनीक ब्रेड निर्माता कंपनियों को हस्तांतरित की जाएगी। डायरेक्टर डॉ. वीपी शर्मा ने कहा कि मशरूम न केवल भोजन को पौष्टिक ही बनाता है बल्कि अनेक बीमारियों पर भी नियंत्रण रखने में भी सहायता करता है। आज देश में न्यूट्रीशन सिक्योरिटी अहम हो गई है। लोगों तक ज्यादा से ज्यादा मशरूम प्रोडक्ट पहुंचे, इसलिए यह मल्टीग्रेन मशरूम ब्रेड तैयार की है। इससे लोगों को हेल्दी ब्रेकफास्ट मिलेगा।

वैज्ञानिकों का मानना है कि आज भी देश में अधिकतर लोग जो बाहर नौकरी पेशा हैं वो ब्रेड का ही ब्रेकफास्ट करते हैं। अभी तक बाजार में कई तरह के ब्रेड उपलब्ध हैं लेकिन सभी में मैदा की मात्रा रहती है। मैदा हमारे शरीर से लिए सही नहीं रहता साथ ही यह पचने में ज्यादा समय लेता है। इससे पेट की बीमारियों आैर कब्ज जैसे समस्याआें से जूझना पड़ता है। इन्हीं सभी समस्याआें को मद्देनजर रखने के बाद मशरूम ब्रेड पर काम शुरू किया गया। ताकि देश में लोगों को एेसा फास्ट फूड मिल सके जो ज्यादा न्यूट्रिशियन से भरपूर हो आैर लोगों की सेहत को बनाए रखे।