अब बिना पानी के होगी गेहूं की फसल,लांच हुई ये नई किसम

दोस्तों भारत में बहुत से इलाके ऐसे है जहाँ पर खेती के लिए जमीन तो ठीक है लेकिन पानी की बहुत कमी है। ऐसे इलकों में सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी न होने के कारण वहां पर खेती नहीं हो सकती। ऐसे इलाकों के लिए रबी के सीजन के लिए गेहूं की एक ऐसी किस्म विकसित की है जिसे लगभग नमात्र पानी की जरूरत पड़ती है ।

यह कारनामा करके दिखाया है चन्द्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (सीएसए) के वैज्ञानिकों ने। यहां के वैज्ञानिकों ने गेहूं की ऐसी प्रजाति तैयार की है, जिसकी पैदावार बहुत कम जा बिना पानी के होगी। CSA के वैज्ञानिक डॉ. सोमवीर सिंह और डॉ.आशीष यादव के मुताबिक सूखे से निपटने के लिए 8 वर्षों की मेहनत के बाद ये नई प्रजाति जारी की गई है।

पूरी दुनिया में बढ़ रही गर्मी और सूखे के कारण गेहूं पर बुरा असर पड़ रहा था। ज्यादा गर्मी पड़ने के कारण गेहूं की क्वालिटी अच्छी नहीं आ रही थी और उत्पादन भी गिर गया था । ऐसे में यह किस्म किसानो की किस्मत बदल सकती है ।

आईसीएआर की इस नई किस्म का नाम है K-1317 । इस किस्म को पूरे देश के असिंचित और सोखा ग्रस्त क्षेत्रों के लिए बेहतर माना है। आने वाले सीजन में किसान इसकी बुआई कर सकते हैं।भारत सरकार की सेंट्रल वेराइटल रिलीज कमेटी ने गेहूं की इस नई किस्म को भारत के किसानों के लिए जारी कर दिया है। इसका बीज चन्द्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय से ही मिलेगा ।

दोस्तों यह K-1317 बिलकुल कम पानी से भी हो सकती है लेकिन अगर किसान फसल में एक-दो पानी लगाते हैं तो उत्पादन 10-20 क्विंटल प्रति हेक्टेयर बढ़ सकता है । नई प्रजाति को पानी मिले या नहीं मिले पैदावार ठीक ठाक होगी।