अच्छी पैदावार के लिए करें गोभी की इन किस्मों की खेती

गोभीवर्गीय सब्जियां स्वाद और स्वास्थ्य दोनों ही तरह से काफी महत्वपूर्ण मानी जाती हैं। इसमें मूल रूप से 4 तरह की गोभी की खेती होती है। इनमें फूल गोभी का अपना महत्व है। हालांकि बंद गोभी या पत्ता गोभी फास्ट फूड व सलाद में अधिक काम आ ने से इसकी उपयोगिता भी कम नहीं है। वहीं, ब्रोकली बड़े होटल-रेस्टोरेंट्स में अधिक काम में ली जाती है।

गांठ गोभी का प्रचलन राज्य में अपेक्षाकृत कम है। चारों तरह की गोभी की मध्यम पछेती बुआई का समय अगस्त के आखिरी सप्ताह व सितंबर के पहले सप्ताह के दौरान माना जाता है। इससे इसकी फसल सर्दी में यानी दिसंबर-जनवरी में अच्छी मात्रा में आती है।

1. बंद गोभी की खेती

  • किस्म : ‌पूसा अगेती (अगस्त से सितंबर बुआई) गोल्डन एकड़, पूसा मुक्ता, पूसा ड्रम डैड, संकर किस्म के जीएसआर-1 (अक्टूबर से नवंबर बुआ ई)। इसमें बीज की मात्रा 400 से 600 ग्राम प्रति हेक्टेयर।
  • शस्य क्रियाएं : जुताई कर रोपाई से पहले खेत तैयार करते समय आधी नत्रजन व अन्य खाद मिला दें। शेष नत्रजन की आधी मात्रा रोपाई के एक महीने बाद निराई गुड़ाई पर मिला दें।

2. गोभी की खेती

  • आगेती के लिए किस्म : पूसा मेघना, पूसा कार्तिक संकर, पूसा दीपाली। बीज की मात्रा 500 से 600 ग्राम प्रति हैक्टेयर। बुआ ई मध्य मई से जून के बीच और परिपक्वता सितंबर से अक्टूबर के बीच करें। उपज 10 टन प्रति हैक्टेयर।
  • मध्यम अगेती के लिए किस्म : पूसा शरद, पूसा हाइब्रिड-2, बीज की मात्रा 400 ग्राम प्रति हैक्टेयर। बुआ ई जुलाई से अगस्त शुरू तक। उपज 12-15 टन प्रति हैक्टेयर।
  • मध्यम पछेती के लिए किस्म पूसा पोशजा व पूसा शक्ति। बीज की मात्रा 390 ग्राम प्रति हेक्टेयर। बुआ ई अगस्त अंत से सितंबर शुरू के बीच। उपज 20-25 टन।
  • पछेती के लिए किस्म : पूसा स्नोबाल के-1, पूसा स्नोबार के टी-2. बीज मात्रा 300 ग्राम प्रति हेक्टेयर। बुवाई सितंबर से अक्टूबर। उपज 25-30 टन प्रति हेक्टेयर।
  • रोपाई का समय : अगेती फसल में 5 से 6 सप्ताह वाली पौध, मध्य व पछेती फसल में 3 से 4 सप्ताह वाली पौध के लिए।
  • बीजोपचार : कैप्टान या बाविस्टिन 2 ग्राम प्रति किलोग्राम बीज के हिसाब से बीजोपचार करना चाहिए।
  • खरपतवार : रोपाई से पहले स्टांप 3.3 लीटर व वासालीन 2.5 लीटर प्रति हेक्टेयर की दर से छिड़काव कर हल्की सिंचाई करें।

3. ब्रोकली की खेती

  • किस्म : 1-ग्रीन स्प्राउटिंग- पालम समृद्धि, पूसा के टी-1, पंजाब ब्रोकली। 2-परपल हैडिंग पालम विचित्रा और 3-थेलोइशग्रीन हैडिंग-पालम कंचन। इसमें बीज की मात्रा 350 ग्राम ले सकते हैं।
  • बुआ ई : सितंबर से अक्टूबर के बीच। खरपतवार नियंत्रण और शस्य क्रियाएं फूल गोभी की तरह की जा सकती हैं।
  • उपज : ग्रीन स्प्राउटिंग बोक्रली में 150 से 200 क्विंटल और शीर्ष ब्रोकली की 200-250 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक।

4. गांठ गोभी की खेती

  • किस्म : पालम हैंडरनोब, व्हाइट वियाना, परपल वियाना अादि। 1000 ग्राम प्रति हेक्टेयर। बुआई सिंतबर से अक्टूबर तक।
  • खरपतवार नियंत्रण : रोपाई से पूर्व स्टांप 3 लीटर प्रति हेक्टेयर की दर से छिड़काव व हल्की सिंचाई करें।
  • कटाई व उपज : गांठे 5 से 7 सेमी की हो जाएं तो किस्मों के अनुसार काट लेते हैं। औसत उपज 20-22 टन प्रति हैक्टेयर है।