किसानों को स्प्रे करने के लिए हर मौसम में काफी भारी स्प्रे टैंक उठाकर खेतों में स्प्रे करनी पड़ती है और ऐसे में लेबर का खर्चा भी काफी ज्यादा होता है। लेकिन अब किसान खेतों में बहुत आसानी से बैठे बैठे स्प्रे कर सकेंगे। भारत के किसान भी अब खेतों में ड्रोन से स्प्रे करेंगे।
अब किसानों को स्प्रे ड्रोन पर सरकार सब्सिडी देगी। दरअसल खेती में ड्रोन के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए, सरकार द्वारा अलग अलग वर्गों के लिए ड्रोन खरीद के लिए सब्सिडी की घोषणा की गई है। आज हम आपको सरकार द्वारा जारी सब्सिडी योजनाओं के बारे में पूरी जानकारी देंगे।
खेती में ड्रोन के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए और इस किसानों के लिए ड्रोन तकनीक को सस्ता बनाने के लिए, कृषि मशीनीकरण पर सब-मिशन (एसएमएएम) के तहत ड्रोन की 100 प्रतिशत लागत की वित्तीय सहायता दी जा रही है।
आपको बता दें कि किसानों को ये सहायता खेतों पर अपने प्रदर्शन के लिए मशीनरी प्रशिक्षण और परीक्षण संस्थानों, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, कृषि विज्ञान केंद्र (केवीके) और राज्य कृषि विश्वविद्यालयों (एसएवी) के संस्थानों को दी जा रही है।
किसान उत्पादक संगठनों को किसानों के खेतों पर ड्रोन से स्प्रे करने के लिए ड्रोन की खरीद के लिए 75% की दर से अनुदान प्रदान किया जाता है।
इसी तरह किसानों को ड्रोन की कृषि सेवाएं प्रदान करने के लिए, कॉर्पोरेटिव सोसाइटी ऑफ फार्मर्स, किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) और ग्रामीण उद्यमियों के तहत मौजूदा तथा नए कस्टम हायरिंग सेंटर (CHC) द्वारा ड्रोन या ड्रोन से जुड़े किसी भी सामान को खरीदने के लिए सामान की मूल लागत का 40 प्रतिशत या 4 लाख रुपये की वित्तीय सहायता दी जाती है।
बता दें कि CHC सेंटर की स्थापना करने वाले कृषि स्नातक ड्रोन की लागत का 50 प्रतिशत की दर से (अधिकतम 5 लाख रुपये तक की) वित्तीय सहायता प्राप्त कर सकते हैं। यानि अब किसान आसानी से स्प्रे ड्रोन खरीद सकते हैं और स्प्रे करने के काम को बहुत सस्ता और आरामदायक बना सकते हैं।